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Sura 11
Aya 55
55
مِن دونِهِ ۖ فَكيدوني جَميعًا ثُمَّ لا تُنظِرونِ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

इसमे मै बेज़ार हूँ तो तुम सब के सब मेरे साथ मक्कारी करो और मुझे (दम मारने की) मोहलत भी न दो तो मुझे परवाह नहीं