54إِن نَقولُ إِلَّا اعتَراكَ بَعضُ آلِهَتِنا بِسوءٍ ۗ قالَ إِنّي أُشهِدُ اللَّهَ وَاشهَدوا أَنّي بَريءٌ مِمّا تُشرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहम तो केवल यही कहते है कि हमारे इष्ट-पूज्यों में से किसी की तुझपर मार पड़ गई है।" उसने कहा, "मैं तो अल्लाह को गवाह बनाता हूँ और तुम भी गवाह रहो कि उनसे मेरा कोई सम्बन्ध नहीं,