52وَيا قَومِ استَغفِروا رَبَّكُم ثُمَّ توبوا إِلَيهِ يُرسِلِ السَّماءَ عَلَيكُم مِدرارًا وَيَزِدكُم قُوَّةً إِلىٰ قُوَّتِكُم وَلا تَتَوَلَّوا مُجرِمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ मेरी क़ौम के लोगो! अपने रब से क्षमा याचना करो, फिर उसकी ओर पलट आओ। वह तुमपर आकाश को ख़ूब बरसता छोड़ेगा और तुममें शक्ति पर शक्ति की अभिवृद्धि करेगा। तुम अपराधी बनकर मुँह न फेरो।"