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Sura 11
Aya 43
43
قالَ سَآوي إِلىٰ جَبَلٍ يَعصِمُني مِنَ الماءِ ۚ قالَ لا عاصِمَ اليَومَ مِن أَمرِ اللَّهِ إِلّا مَن رَحِمَ ۚ وَحالَ بَينَهُمَا المَوجُ فَكانَ مِنَ المُغرَقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(मुझे माफ कीजिए) मै तो अभी किसी पहाड़ का सहारा पकड़ता हूँ जो मुझे पानी (में डूबने) से बचा लेगा नूह ने (उससे) कहा (अरे कम्बख्त) आज ख़ुदा के अज़ाब से कोई बचाने वाला नहीं मगर ख़ुदा ही जिस पर रहम फरमाएगा और (ये बात हो रही थी कि) यकायक दोनो बाप बेटे के दरमियान एक मौज हाएल हो गई और वह डूब कर रह गया