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Sura 11
Aya 30
30
وَيا قَومِ مَن يَنصُرُني مِنَ اللَّهِ إِن طَرَدتُهُم ۚ أَفَلا تَذَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और ऐ मेरी क़ौम के लोगो! यदि मैं उन्हें धुत्कार दूँ तो अल्लाह के मुक़ाबले में कौन मेरी सहायता कर सकता है? फिर क्या तुम होश से काम नहीं लेते?