117وَما كانَ رَبُّكَ لِيُهلِكَ القُرىٰ بِظُلمٍ وَأَهلُها مُصلِحونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम्हारा रब तो ऐसा नहीं है कि बस्तियों को अकारण विनष्ट कर दे, जबकि वहाँ के निवासी बनाव और सुधार में लगे हों