116فَلَولا كانَ مِنَ القُرونِ مِن قَبلِكُم أُولو بَقِيَّةٍ يَنهَونَ عَنِ الفَسادِ فِي الأَرضِ إِلّا قَليلًا مِمَّن أَنجَينا مِنهُم ۗ وَاتَّبَعَ الَّذينَ ظَلَموا ما أُترِفوا فيهِ وَكانوا مُجرِمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर तुमसे पहले जो नस्लें गुज़र चुकी है उनमें ऐसे भले-समझदार क्यों न हुए जो धरती में बिगाड़ से रोकते, उन थोड़े-से लोगों के सिवा जिनको उनमें से हमने बचा लिया। अत्याचारी लोग तो उसी सुख-सामग्री के पीछे पड़े रहे, जिसमें वे रखे गए थे। वे तो थे ही अपराधी