115وَاصبِر فَإِنَّ اللَّهَ لا يُضيعُ أَجرَ المُحسِنينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर (ऐ रसूल) तुम सब्र करो क्योंकि ख़ुदा नेकी करने वालों का अज्र बरबाद नहीं करता