55أَلا إِنَّ لِلَّهِ ما فِي السَّماواتِ وَالأَرضِ ۗ أَلا إِنَّ وَعدَ اللَّهِ حَقٌّ وَلٰكِنَّ أَكثَرَهُم لا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीआगाह रहो कि जो कुछ आसमानों में और ज़मीन में है (ग़रज़ सब कुछ) ख़ुदा ही का है आग़ाह राहे कि ख़ुदा का वायदा यक़ीनी ठीक है मगर उनमें के अक्सर नहीं जानते हैं