43وَمِنهُم مَن يَنظُرُ إِلَيكَ ۚ أَفَأَنتَ تَهدِي العُميَ وَلَو كانوا لا يُبصِرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतुम कही बहरों को कुछ सुना सकते हो और बाज़ उनमें से ऐसे हैं जो तुम्हारी तरफ (टकटकी बाँधे) देखते हैं तो (क्या वह ईमान लाएँगें हरगिज़ नहीं) अगरचे उन्हें कुछ न सूझता हो तो तुम अन्धे को राहे रास्त दिखा दोगे