42وَمِنهُم مَن يَستَمِعونَ إِلَيكَ ۚ أَفَأَنتَ تُسمِعُ الصُّمَّ وَلَو كانوا لا يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर उनमें से बाज़ ऐसे हैं कि तुम्हारी ज़बानों की तरफ कान लगाए रहते हैं तो (क्या) वह तुम्हारी सुन लेगें हरगिज़ नहीं अगरचे वह कुछ समझ भी न सकते हो