17فَمَن أَظلَمُ مِمَّنِ افتَرىٰ عَلَى اللَّهِ كَذِبًا أَو كَذَّبَ بِآياتِهِ ۚ إِنَّهُ لا يُفلِحُ المُجرِمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर उस व्यक्ति से बढ़कर अत्याचारी कौन होगा जो अल्लाह पर थोपकर झूठ घड़े या उसकी आयतों को झुठलाए? निस्संदेह अपराधी कभी सफल नहीं होते