100وَما كانَ لِنَفسٍ أَن تُؤمِنَ إِلّا بِإِذنِ اللَّهِ ۚ وَيَجعَلُ الرِّجسَ عَلَى الَّذينَ لا يَعقِلونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहालाँकि किसी व्यक्ति के लिए यह सम्भव नहीं कि अल्लाह की अनुज्ञा के बिना कोई क्यक्ति ईमान लाए। वह तो उन लोगों पर गन्दगी डाल देता है, जो बुद्धि से काम नहीं लेते