8جَزاؤُهُم عِندَ رَبِّهِم جَنّاتُ عَدنٍ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ خالِدينَ فيها أَبَدًا ۖ رَضِيَ اللَّهُ عَنهُم وَرَضوا عَنهُ ۚ ذٰلِكَ لِمَن خَشِيَ رَبَّهُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउनकी जज़ा उनके परवरदिगार के यहाँ हमेशा रहने (सहने) के बाग़ हैं जिनके नीचे नहरें जारी हैं और वह आबादुल आबाद हमेशा उसी में रहेंगे ख़ुदा उनसे राज़ी और वह ख़ुदा से ख़ुश ये (जज़ा) ख़ास उस शख़्श की है जो अपने परवरदिगार से डरे