5وَما أُمِروا إِلّا لِيَعبُدُوا اللَّهَ مُخلِصينَ لَهُ الدّينَ حُنَفاءَ وَيُقيمُوا الصَّلاةَ وَيُؤتُوا الزَّكاةَ ۚ وَذٰلِكَ دينُ القَيِّمَةِफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(तब) और उन्हें तो बस ये हुक्म दिया गया था कि निरा ख़ुरा उसी का एतक़ाद रख के बातिल से कतरा के ख़ुदा की इबादत करे और पाबन्दी से नमाज़ पढ़े और ज़कात अदा करता रहे और यही सच्चा दीन है