1لَم يَكُنِ الَّذينَ كَفَروا مِن أَهلِ الكِتابِ وَالمُشرِكينَ مُنفَكّينَ حَتّىٰ تَأتِيَهُمُ البَيِّنَةُफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअहले किताब और मुशरिकों से जो लोग काफिर थे जब तक कि उनके पास खुली हुई दलीलें न पहुँचे वह (अपने कुफ्र से) बाज़ आने वाले न थे