20إِلَّا ابتِغاءَ وَجهِ رَبِّهِ الأَعلىٰफ़ारूक़ ख़ान & अहमदबल्कि इससे अभीष्ट केवल उसके अपने उच्च रब के मुख (प्रसन्नता) की चाह है