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Sura 9
Aya 97
97
الأَعرابُ أَشَدُّ كُفرًا وَنِفاقًا وَأَجدَرُ أَلّا يَعلَموا حُدودَ ما أَنزَلَ اللَّهُ عَلىٰ رَسولِهِ ۗ وَاللَّهُ عَليمٌ حَكيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे बद्दूग इनकार और कपटाचार में बहुत-ही बढ़े हुए है। और इसी के ज़्यादा योग्य है कि उनकी सीमाओं से अनभिज्ञ रहें, जिसे अल्लाह ने अपने रसूल पर अवतरित किया है। अल्लाह सर्वज्ञ, तत्वदर्शी है