93۞ إِنَّمَا السَّبيلُ عَلَى الَّذينَ يَستَأذِنونَكَ وَهُم أَغنِياءُ ۚ رَضوا بِأَن يَكونوا مَعَ الخَوالِفِ وَطَبَعَ اللَّهُ عَلىٰ قُلوبِهِم فَهُم لا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदइल्ज़ाम तो बस उनपर है जो धनवान होते हुए तुमसे छुट्टी माँगते है। वे इसपर राज़ी हुए कि पीछे डाले गए लोगों के साथ रह जाएँ। अल्लाह ने तो उनके दिलों पर मुहर लगा दी है, इसलिए वे जानते नहीं