79الَّذينَ يَلمِزونَ المُطَّوِّعينَ مِنَ المُؤمِنينَ فِي الصَّدَقاتِ وَالَّذينَ لا يَجِدونَ إِلّا جُهدَهُم فَيَسخَرونَ مِنهُم ۙ سَخِرَ اللَّهُ مِنهُم وَلَهُم عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो लोग स्वेच्छापूर्वक देनेवाले मोमिनों पर उनके सदक़ो (दान) के विषय में चोटें करते है और उन लोगों का उपहास करते है, जिनके पास इसके सिवा कुछ नहीं जो वे मशक़्क़त उठाकर देते है, उन (उपहास करनेवालों) का उपहास अल्लाह ने किया और उनके लिए दुखद यातना है