64يَحذَرُ المُنافِقونَ أَن تُنَزَّلَ عَلَيهِم سورَةٌ تُنَبِّئُهُم بِما في قُلوبِهِم ۚ قُلِ استَهزِئوا إِنَّ اللَّهَ مُخرِجٌ ما تَحذَرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदमुनाफ़िक़ (कपटाचारी) डर रहे है कि कहीं उनके बारे में कोई ऐसी सूरा न अवतरित हो जाए जो वह सब कुछ उनपर खोल दे, जो उनके दिलों में है। कह दो, "मज़ाक़ उड़ा लो, अल्लाह तो उसे प्रकट करके रहेगा, जिसका तुम्हें डर है।"