6وَإِن أَحَدٌ مِنَ المُشرِكينَ استَجارَكَ فَأَجِرهُ حَتّىٰ يَسمَعَ كَلامَ اللَّهِ ثُمَّ أَبلِغهُ مَأمَنَهُ ۚ ذٰلِكَ بِأَنَّهُم قَومٌ لا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर यदि मुशरिकों में से कोई तुमसे शरण माँगे, तो तुम उसे शरण दे दो, यहाँ तक कि वह अल्लाह की वाणी सुन ले। फिर उसे उसके सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दो, क्योंकि वे ऐसे लोग हैं, जिन्हें ज्ञान नहीं