35يَومَ يُحمىٰ عَلَيها في نارِ جَهَنَّمَ فَتُكوىٰ بِها جِباهُهُم وَجُنوبُهُم وَظُهورُهُم ۖ هٰذا ما كَنَزتُم لِأَنفُسِكُم فَذوقوا ما كُنتُم تَكنِزونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन उनको जहन्नम की आग में तपाया जाएगा फिर उससे उनके ललाटो और उनके पहलुओ और उनकी पीठों को दाग़ा जाएगा (और कहा जाएगा), "यहीं है जो तुमने अपने लिए संचय किया, तो जो कुछ तुम संचित करते रहे हो, उसका मज़ा चखो!"