27ثُمَّ يَتوبُ اللَّهُ مِن بَعدِ ذٰلِكَ عَلىٰ مَن يَشاءُ ۗ وَاللَّهُ غَفورٌ رَحيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर इसके बाद अल्लाह जिसको चाहता है उसे तौबा नसीब करता है। अल्लाह बड़ा क्षमाशील, दयावान है