13أَلا تُقاتِلونَ قَومًا نَكَثوا أَيمانَهُم وَهَمّوا بِإِخراجِ الرَّسولِ وَهُم بَدَءوكُم أَوَّلَ مَرَّةٍ ۚ أَتَخشَونَهُم ۚ فَاللَّهُ أَحَقُّ أَن تَخشَوهُ إِن كُنتُم مُؤمِنينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदक्या तुम ऐसॆ लॊगॊं सॆ नहीं लड़ॊगॆ जिन्हॊंनॆ अपनी क़समों को तोड़ डालीं और रसूल को निकाल देना चाहा और वही हैं जिन्होंने तुमसे छेड़ में पहल की? क्या तुम उनसे डरते हो? यदि तुम मोमिन हो तो इसका ज़्यादा हक़दार अल्लाह है कि तुम उससे डरो