127وَإِذا ما أُنزِلَت سورَةٌ نَظَرَ بَعضُهُم إِلىٰ بَعضٍ هَل يَراكُم مِن أَحَدٍ ثُمَّ انصَرَفوا ۚ صَرَفَ اللَّهُ قُلوبَهُم بِأَنَّهُم قَومٌ لا يَفقَهونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर जब कोई सूरा अवतरित होती है, तो वे परस्पर एक-दूसरे को देखने लगते है कि "तुम्हें कोई देख तो नहीं रहा है।" फिर पलट जाते है। अल्लाह ने उनके दिल फेर दिए, क्योंकि वे ऐसे लोग है जो समझते नहीं है