113ما كانَ لِلنَّبِيِّ وَالَّذينَ آمَنوا أَن يَستَغفِروا لِلمُشرِكينَ وَلَو كانوا أُولي قُربىٰ مِن بَعدِ ما تَبَيَّنَ لَهُم أَنَّهُم أَصحابُ الجَحيمِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनबी और ईमान लानेवालों के लिए उचित नहीं कि वे बहुदेववादियों के लिए क्षमा की प्रार्थना करें, यद्यपि वे उसके नातेदार ही क्यों न हो, जबकि उनपर यह बात खुल चुकी है कि वे भड़कती आगवाले हैं