101وَمِمَّن حَولَكُم مِنَ الأَعرابِ مُنافِقونَ ۖ وَمِن أَهلِ المَدينَةِ ۖ مَرَدوا عَلَى النِّفاقِ لا تَعلَمُهُم ۖ نَحنُ نَعلَمُهُم ۚ سَنُعَذِّبُهُم مَرَّتَينِ ثُمَّ يُرَدّونَ إِلىٰ عَذابٍ عَظيمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर तुम्हारे आस-पास के बद्दुनओं में और मदीनावालों में कुछ ऐसे कपटाचारी है जो कपट-नीति पर जमें हुए है। उनको तुम नहीं जानते, हम उन्हें भली-भाँति जानते है। शीघ्र ही हम उन्हें दो बार यातना देंगे। फिर वे एक बड़ी यातना की ओर लौटाए जाएँगे