10لا يَرقُبونَ في مُؤمِنٍ إِلًّا وَلا ذِمَّةً ۚ وَأُولٰئِكَ هُمُ المُعتَدونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिसी मोमिन के बारे में न तो नाते-रिश्ते का ख़याल रखते है और न किसी अभिवचन का। वही लोग है जिन्होंने सीमा का उल्लंघन किया