28ارجِعي إِلىٰ رَبِّكِ راضِيَةً مَرضِيَّةًफ़ारूक़ ख़ान & अहमदलौट अपने रब की ओर, इस तरह कि तू उससे राज़ी है वह तुझसे राज़ी है। अतः मेरे बन्दों में सम्मिलित हो जा। -