6يا أَيُّهَا الإِنسانُ إِنَّكَ كادِحٌ إِلىٰ رَبِّكَ كَدحًا فَمُلاقيهِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ मनुष्य! तू मशक़्क़त करता हुआ अपने रब ही की ओर खिंचा चला जा रहा है और अन्ततः उससे मिलने वाला है