37لِكُلِّ امرِئٍ مِنهُم يَومَئِذٍ شَأنٌ يُغنيهِफ़ारूक़ ख़ान & नदवीउस दिन हर शख़्श (अपनी नजात की) ऐसी फ़िक्र में होगा जो उसके (मशग़ूल होने के) लिए काफ़ी हों