68لَولا كِتابٌ مِنَ اللَّهِ سَبَقَ لَمَسَّكُم فيما أَخَذتُم عَذابٌ عَظيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर अगर ख़ुदा की तरफ से पहले ही (उसकी) माफी का हुक्म आ चुका होता तो तुमने जो (बदर के क़ैदियों के छोड़ देने के बदले) फिदिया लिया था