68لَولا كِتابٌ مِنَ اللَّهِ سَبَقَ لَمَسَّكُم فيما أَخَذتُم عَذابٌ عَظيمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि अल्लाह का लिखा पहले से मौजूद न होता, तो जो कुछ नीति तुमने अपनाई है उसपर तुम्हें कोई बड़ी यातना आ लेती