5كَما أَخرَجَكَ رَبُّكَ مِن بَيتِكَ بِالحَقِّ وَإِنَّ فَريقًا مِنَ المُؤمِنينَ لَكارِهونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमद(यह बिल्कुल वैसी ही परिस्थित है) जैसे तुम्हारे ने तुम्हें तुम्हारे घर से एक उद्देश्य के साथ निकाला, किन्तु ईमानवालों में से एक गिरोह को यह अप्रिय लगा था