44وَإِذ يُريكُموهُم إِذِ التَقَيتُم في أَعيُنِكُم قَليلًا وَيُقَلِّلُكُم في أَعيُنِهِم لِيَقضِيَ اللَّهُ أَمرًا كانَ مَفعولًا ۗ وَإِلَى اللَّهِ تُرجَعُ الأُمورُफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ये वह वक्त था) जब तुम लोगों ने मुठभेड़ की तो ख़ुदा ने तुम्हारी ऑखों में कुफ्फ़ार को बहुत कम करके दिखलाया और उनकी ऑखों में तुमको थोड़ा कर दिया ताकि ख़ुदा को जो कुछ करना मंज़ूर था वह पूरा हो जाए और कुल बातों का दारोमदार तो ख़ुदा ही पर है