4أُولٰئِكَ هُمُ المُؤمِنونَ حَقًّا ۚ لَهُم دَرَجاتٌ عِندَ رَبِّهِم وَمَغفِرَةٌ وَرِزقٌ كَريمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीयही तो सच्चे ईमानदार हैं उन्हीं के लिए उनके परवरदिगार के हॉ (बड़े बड़े) दरजे हैं और बख्शिश और इज्ज़त और आबरू के साथ रोज़ी है (ये माले ग़नीमत का झगड़ा वैसा ही है)