35وَما كانَ صَلاتُهُم عِندَ البَيتِ إِلّا مُكاءً وَتَصدِيَةً ۚ فَذوقُوا العَذابَ بِما كُنتُم تَكفُرونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर ख़ानाए काबे के पास सीटियॉ तालिया बजाने के सिवा उनकी नमाज ही क्या थी तो (ऐ काफिरों) जब तुम कुफ्र किया करते थे उसकी सज़ा में (पड़े) अज़ाब के मज़े चखो