33وَما كانَ اللَّهُ لِيُعَذِّبَهُم وَأَنتَ فيهِم ۚ وَما كانَ اللَّهُ مُعَذِّبَهُم وَهُم يَستَغفِرونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर अल्लाह ऐसा नहीं कि तुम उनके बीच उपस्थित हो और वह उन्हें यातना देने लग जाए, और न अल्लाह ऐसा है कि वे क्षमा-याचना कर रहे हो और वह उन्हें यातना से ग्रस्त कर दे