46كَأَنَّهُم يَومَ يَرَونَها لَم يَلبَثوا إِلّا عَشِيَّةً أَو ضُحاهاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन वे उसे देखेंगे तो (ऐसा लगेगा) मानो वे (दुनिया में) बस एक शाम या उसकी सुबह ही ठहरे है