40وَأَمّا مَن خافَ مَقامَ رَبِّهِ وَنَهَى النَّفسَ عَنِ الهَوىٰफ़ारूक़ ख़ान & नदवीमगर जो शख़्श अपने परवरदिगार के सामने खड़े होने से डरता और जी को नाजायज़ ख्वाहिशों से रोकता रहा