18يَومَ يُنفَخُ فِي الصّورِ فَتَأتونَ أَفواجًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजिस दिन नरसिंघा में फूँक मारी जाएगी, तो तुम गिरोह को गिरोह चले आओगे।