7يوفونَ بِالنَّذرِ وَيَخافونَ يَومًا كانَ شَرُّهُ مُستَطيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये वह लोग हैं जो नज़रें पूरी करते हैं और उस दिन से जिनकी सख्ती हर तरह फैली होगी डरते हैं