29إِنَّ هٰذِهِ تَذكِرَةٌ ۖ فَمَن شاءَ اتَّخَذَ إِلىٰ رَبِّهِ سَبيلًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक ये कुरान सरासर नसीहत है तो जो शख़्श चाहे अपने परवरदिगार की राह ले