29إِنَّ هٰذِهِ تَذكِرَةٌ ۖ فَمَن شاءَ اتَّخَذَ إِلىٰ رَبِّهِ سَبيلًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदनिश्चय ही यह एक अनुस्मृति है, अब जो चाहे अपने रब की ओर मार्ग ग्रहण कर ले