24فَاصبِر لِحُكمِ رَبِّكَ وَلا تُطِع مِنهُم آثِمًا أَو كَفورًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो तुम अपने परवरदिगार के हुक्म के इन्तज़ार में सब्र किए रहो और उन लोगों में से गुनाहगार और नाशुक्रे की पैरवी न करना