13مُتَّكِئينَ فيها عَلَى الأَرائِكِ ۖ لا يَرَونَ فيها شَمسًا وَلا زَمهَريرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीवहाँ वह तख्तों पर तकिए लगाए (बैठे) होंगे न वहाँ (आफताब की) धूप देखेंगे और न शिद्दत की सर्दी