10إِنّا نَخافُ مِن رَبِّنا يَومًا عَبوسًا قَمطَريرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहमको तो अपने परवरदिगार से उस दिन का डर है जिसमें मुँह बन जाएँगे (और) चेहरे पर हवाइयाँ उड़ती होंगी