56وَما يَذكُرونَ إِلّا أَن يَشاءَ اللَّهُ ۚ هُوَ أَهلُ التَّقوىٰ وَأَهلُ المَغفِرَةِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर वे नसीहत हासिल नहीं करेंगे। यह और बात है कि अल्लाह ही ऐसा चाहे। वही इस योग्य है कि उसका डर रखा जाए और इस योग्य भी कि क्षमा करे