9وَأَنّا كُنّا نَقعُدُ مِنها مَقاعِدَ لِلسَّمعِ ۖ فَمَن يَستَمِعِ الآنَ يَجِد لَهُ شِهابًا رَصَدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमद"और यह कि हम उसमें बैठने के स्थानों में सुनने के लिए बैठा करते थे, किन्तु अब कोई सुनना चाहे तो वह अपने लिए घात में लगा एक उल्का पाएगा